महाराष्ट्र के सांगली जिले में एक थर्ड ईयर MBBS छात्रा के साथ उसके दो सहपाठियों और उनके एक दोस्त ने गैंगरेप किया।

Sachin Sah
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महाराष्ट्र के सांगली जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने एक बार फिर से देश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक तृतीय वर्ष की एमबीबीएस छात्रा के साथ उसके दो सहपाठियों और उनके एक दोस्त ने कथित तौर पर गैंगरेप किया। यह घटना 18 मई 2025 की रात को हुई, और इस मामले में पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस घटना ने न केवल शिक्षा के मंदिरों में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं, बल्कि समाज में व्याप्त गहरी मानसिकता को भी उजागर किया है।

फिल्म देखने के बहाने दो सहपाठि और उनके एक दोस्त ने फ्लैट पर ले जाकर पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया

जानकारी के मुताबिक, पीड़िता कर्नाटक के बेलगावी की रहने वाली है और सांगली में एक मेडिकल कॉलेज में तृतीय वर्ष की छात्रा है। पुलिस के अनुसार, 18 मई की रात को पीड़िता अपने दो सहपाठियों और उनके एक दोस्त के साथ फिल्म देखने की योजना बना रही थी। लेकिन फिल्म देखने से पहले, तीनों आरोपी उसे एक फ्लैट में ले गए। वहां उन्होंने पीड़िता को एक नशीला पेय पिलाया, जिसके बाद उसे चक्कर आने लगे। नशे की हालत में उसकी स्थिति का फायदा उठाते हुए तीनों ने उसके साथ दुष्कर्म किया। इतना ही नहीं, आरोपियों ने उसे धमकी भी दी कि अगर उसने इस घटना के बारे में किसी को बताया, तो उसके लिए गंभीर परिणाम होंगे।

पीड़िता ने हिम्मत दिखाते हुए इस घटना की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई। सांगली की विंघमबाग पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मंगलवार रात को तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। कोर्ट में पेश करने के बाद, आरोपियों को 27 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।

भारत में महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा का मामला

यह घटना उन तमाम घटनाओं में से एक है, जो भारत में महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा और असुरक्षा को दर्शाती है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) के 2021 के आंकड़ों के अनुसार, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में बलात्कार के मामले सबसे अधिक दर्ज किए गए हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में बलात्कार के अधिकांश मामले दर्ज ही नहीं होते। एनसीआरबी की 2006 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, लगभग 71% बलात्कार के मामले रिपोर्ट नहीं किए जाते, जिसके पीछे सामाजिक कलंक, धमकियां और कानूनी प्रक्रिया में विश्वास की कमी जैसे कारण हैं।

इसके अलावा, नशीले पदार्थों का उपयोग करके यौन उत्पीड़न के मामले भी बढ़ रहे हैं। इंडियन जर्नल ऑफ साइकियाट्री की एक 2021 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 15-20% यौन उत्पीड़न के मामलों में नशीले पदार्थों का उपयोग शामिल होता है। यह एक चिंताजनक प्रवृत्ति है, जो यह दर्शाती है कि अपराधी किस हद तक योजनाबद्ध तरीके से अपराध को अंजाम दे रहे हैं।

इस घटना के बाद कॉलेजे प्रशासन और स्थानीय पुलिस पर सावल

यह घटना शिक्षा संस्थानों में सुरक्षा की कमी को भी उजागर करती है। मेडिकल कॉलेज जैसे संस्थान, जहां छात्र-छात्राएं अपने भविष्य को संवारने के लिए मेहनत करते हैं, वहां इस तरह की घटनाएं बेहद चिंताजनक हैं। सहपाठियों पर भरोसा करना और उनके साथ सामाजिक गतिविधियों में शामिल होना एक सामान्य बात है, लेकिन जब वही सहपाठी विश्वासघात करके अपराध करते हैं, तो यह न केवल पीड़िता के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक बड़ा झटका है।

इस घटना ने यह भी सवाल उठाया है कि क्या कॉलेज प्रशासन और स्थानीय पुलिस इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए पर्याप्त कदम उठा रहे हैं? क्या छात्राओं को सुरक्षित माहौल देने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं? यह सवाल हर माता-पिता, हर छात्रा और समाज के हर जिम्मेदार नागरिक के मन में उठ रहा है।

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