लखनऊ कोर्ट ने सीरियल किलर राजा कोलंदर को उम्रकैद की सजा सुनाई, खोपड़ियों से दिमाग निकालकर सूप पीता था

Sachin Sah
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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की एक अदालत ने शुक्रवार को कुख्यात सीरियल किलर राम निरंजन उर्फ राजा कोलंदर और उसके साले वक्षराज को उम्रकैद की सजा सुनाई है। प्रयागराज के निवासी राजा कोलंदर ने 14 से अधिक हत्याओं को अंजाम दिया था, जिसमें उसकी क्रूरता और हैवानियत ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। इस मामले में कोर्ट का यह फैसला 25 साल बाद आया है, जिसने एक बार फिर न्याय व्यवस्था की गति पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

पत्रकार धीरेंद्र सिंह की हत्या ने खोला राज

साल 2000 में प्रयागराज में एक हिंदी दैनिक अखबार के पत्रकार धीरेंद्र सिंह की हत्या ने इस मामले को सुर्खियों में ला दिया था। 16 दिसंबर 2000 को धीरेंद्र सिंह का आखिरी फोन कॉल राजा कोलंदर के लैंडलाइन नंबर पर रिकॉर्ड किया गया था। इसके बाद 18 दिसंबर को पुलिस ने राजा कोलंदर और उसके साले वक्षराज को हिरासत में लिया। पूछताछ के दौरान पुलिस को कोलंदर के फार्महाउस से कई मानव खोपड़ियां और हड्डियां मिलीं, जिसने इस हैवान की असलियत को उजागर कर दिया। कोलंदर ने कबूल किया कि वह छोटी-छोटी बातों पर लोगों की हत्या कर देता था। उसने बताया कि वह लाशों के टुकड़े करता था, उनका मांस खाता था और खोपड़ियों से दिमाग निकालकर उसका सूप बनाकर पीता था।

राजा कोलंदर की क्रूरता किसी हॉरर फिल्म से कम नहीं

राजा कोलंदर की क्रूरता की कहानी किसी हॉरर फिल्म से कम नहीं है। उसने न केवल हत्याएं कीं, बल्कि अपने शिकार को बेहद अमानवीय तरीके से मौत के घाट उतारा। पुलिस को उसके फार्महाउस से एक डायरी भी मिली, जिसे वह अपनी “कोर्ट डायरी” कहता था। इस डायरी में उसने अपने शिकार के नाम और उनकी जाति के आधार पर उन्हें बांटा था। कोलंदर खुद को एक राजा और जज मानता था, जो अपने शिकार पर फैसला सुनाता था। उसने पुलिस को बताया कि उसने एक बार कुछ लोगों की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी थी, क्योंकि उन्होंने उसे इलाहाबाद से लखनऊ तक लिफ्ट देने से मना कर दिया था।

लखनऊ कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई

धीरेंद्र सिंह की हत्या के मामले में राजा कोलंदर और वक्षराज को 30 नवंबर 2012 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। हालांकि, अभियोजन पक्ष 14 अन्य हत्याओं और नरभक्षण के आरोपों को साबित करने में असफल रहा, जिसके चलते कोर्ट ने इसे “रेयरेस्ट ऑफ रेयर” मामला नहीं माना और फांसी की सजा नहीं दी। 23 मई 2025 को लखनऊ कोर्ट ने एक बार फिर दोनों को उम्रकैद की सजा सुनाई, साथ ही भारतीय दंड संहिता की धारा 404 के तहत एक साल की सश्रम कारावास और 1000 रुपये के जुर्माने की सजा भी दी।क

राजा कोलंदर की कहानी पर नेटफ्लिक्स की सीरीज

साल 2022 में रिलीज हुई नेटफ्लिक्स की सीरीज इंडियन प्रेडेटर: डायरी ऑफ ए सीरियल किलर में राजा कोलंदर की कहानी को तीन एपिसोड में दिखाया गया है। इस सीरीज में कोलंदर की मानसिक स्थिति, उसकी हरकतों और जेल में उसके व्यवहार का विश्लेषण किया गया है। विशेषज्ञों ने बताया कि कोलंदर सत्ता और वर्चस्व की चाहत में इस तरह के अपराध करता था। सीरीज में यह भी दिखाया गया कि कैसे उसकी डायरी ने 13 अन्य संभावित हत्याओं का संकेत दिया था।

न्याय में देरी पर सवाल

25 साल बाद मिली इस सजा ने एक बार फिर भारत की न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं। कई लोगों का मानना है कि इतने गंभीर अपराध के लिए कोलंदर को पहले ही फांसी हो जानी चाहिए थी। एक यूजर ने लिखा, “25 साल बाद सजा, वो भी सिर्फ उम्रकैद, यह न्याय नहीं है।” वहीं, कुछ लोगों ने सवाल उठाया कि क्या इस तरह के अपराधी को जेल में रखना भी सुरक्षित है, क्योंकि उसकी हैवानियत किसी भी हद तक जा सकती है।

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