हंगल गैंगरेप केस के आरोपियों ने कोर्ट से जमानत मिलने के बाद किया रोड शो, लोगों में आक्रोश

By Raushan Kumar - Writer
5 Min Read

कर्नाटक के हंगल में जनवरी 2024 में हुए एक गैंगरेप केस के सात आरोपियों को हाल ही में जमानत पर रिहा किए जाने के बाद उनका एक रोड शो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसने पूरे देश में जनता के बीच गहरा आक्रोश पैदा कर दिया है। इस वीडियो में आरोपियों को उनके समर्थकों द्वारा जोरदार स्वागत के साथ रोड शो करते हुए देखा जा सकता है, जो हावेरी उप-जेल से शुरू होकर अक्की आलूर कस्बे तक गया। इस काफिले में पांच गाड़ियों और 20 से ज्यादा समर्थकों की मौजूदगी थी, जो इस घटना को और भी विवादास्पद बना रही है।

इस मामले में आरोपियों की पहचान अफताब चंदनाकट्टी, मदार साब मंडाक्की, समीवुल्ला ललानावर, मोहम्मद सादिक अगासिमानी, शोएब मुल्ला, तौसीफ चोटी और रियाज साविकेरी के रूप में की गई है। इन सभी को जनवरी 2024 में हंगल में एक महिला के साथ सामूहिक बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, 17 महीने की लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद, उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया, क्योंकि पीड़िता ने कोर्ट में इनकी पहचान सही तरीके से नहीं की। इस निर्णय ने कानूनी प्रक्रिया और न्याय व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

रोड शो का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसमें आरोपियों को गाड़ियों की छत पर खड़े होकर हाथ हिलाते और समर्थकों द्वारा जोरदार स्वागत किए जाने के दृश्य दिखाए गए। इस वीडियो को देखकर कई लोगों ने न्याय व्यवस्था पर सवाल उठाए और कहा कि ऐसे गंभीर अपराधों के आरोपियों को जमानत पर रिहा करना और फिर उनका इस तरह से स्वागत करना समाज में एक गलत संदेश देता है। कई यूजर्स ने social media पर अपनी नाराजगी जाहिर की और भारतीय न्याय व्यवस्था की आलोचना की।

इस घटना ने एक बार फिर से भारतीय कानूनी व्यवस्था में जमानत के प्रावधानों और उनके कार्यान्वयन पर बहस छेड़ दी है। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि जमानत का उद्देश्य किसी व्यक्ति को उसके अपराध सिद्ध होने से पहले हिरासत में न रखना है, लेकिन जब मामला इतना गंभीर हो, जैसे गैंगरेप, तो जमानत के निर्णयों को और सावधानी से लिया जाना चाहिए। कई लोगों का मानना है कि ऐसे मामलों में पीड़िता की सुरक्षा और समाज में अपराधियों के प्रति भय का माहौल बनाए रखना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।

इस रोड शो के वीडियो को लेकर राजनीतिक दलों ने भी अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ रही है और अपराधियों को खुलेआम समर्थन मिल रहा है।

इस घटना ने एक बार फिर से महिलाओं के खिलाफ अपराधों और उनके प्रति समाज की संवेदनशीलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कई सामाजिक कार्यकर्ताओं और महिलाओं के अधिकारों के लिए काम करने वाले संगठनों ने इस रोड शो की निंदा की है और मांग की है कि आरोपियों की जमानत रद्द की जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे कृत्यों से समाज में अपराधियों का मनोबल बढ़ता है और पीड़िताओं को न्याय मिलने की उम्मीद कम होती है।

सोशल मीडिया पर इस वीडियो को लेकर #JusticeForHangal और #ShameOnIndianJudiciary जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे हैं, जिससे स्पष्ट है कि जनता इस घटना से कितनी आहत और नाराज है। कई यूजर्स ने मांग की है कि ऐसे मामलों में तेजी से सुनवाई हो और पीड़िताओं को समयबद्ध तरीके से न्याय मिले।

इस घटना ने एक बार फिर से यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या भारतीय कानूनी व्यवस्था और समाज अपराधियों के प्रति सही संदेश दे पा रहे हैं। जबकि एक ओर कानून अपराधियों को उनके अपराध सिद्ध होने तक निर्दोष मानता है, वहीं दूसरी ओर समाज में ऐसे कृत्यों के प्रति शून्य सहिष्णुता की मांग बढ़ रही है। यह घटना न केवल कानूनी प्रक्रिया बल्कि सामाजिक मूल्यों और नैतिकता पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है।

Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version