फुटबॉल की दुनिया के सुपरस्टार डेविड बेकहम और उनकी पत्नी विक्टोरिया बेकहम की शादीशुदा जिंदगी एक बार फिर चर्चा में है। उनकी पूर्व निजी सहायक रेबेका लूस ने हाल ही में एक सनसनीखेज खुलासा किया है। रेबेका ने दावा किया कि 20 साल पहले, जब डेविड अपनी पत्नी विक्टोरिया के साथ शादी के बंधन में थे, तब उनके साथ उनका चार महीने का विवाहेतर संबंध था। इस खुलासे ने बेकहम परिवार और उनके प्रशंसकों के बीच हलचल मचा दी है।
रेबेका लूस, जो एक डच मॉडल रही हैं और 2003 में डेविड बेकहम की निजी सहायक के रूप में काम शुरू किया था, ने ऑस्ट्रेलिया के ’60 मिनट्स’ के साथ एक साक्षात्कार में अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, “मैंने हमेशा सच बोला है। मैंने कभी कुछ बढ़ा-चढ़ाकर नहीं कहा, न ही कभी झूठ बोला।” उनकी आवाज में एक दृढ़ता थी, लेकिन आंखों में उस पुराने दर्द की छाया भी दिखाई दी। रेबेका ने बताया कि बेकहम जैसे शक्तिशाली और मशहूर शख्सियत के खिलाफ सच बोलना उनके लिए आसान नहीं था। “मेरे हिसाब से यह बहुत हिम्मत वाला काम था। मैं एक ऐसे जोड़े के खिलाफ खड़ी हुई, जिनके पास बेहतरीन पीआर टीम और दुनिया भर की दौलत है। मेरे पास सिर्फ मेरा सच था,” उन्होंने भावुक होकर कहा।
रेबेका ने यह भी बताया कि यह सब तब शुरू हुआ जब डेविड 2003 में मैनचेस्टर यूनाइटेड से रियल मैड्रिड गए थे। वह उनके साथ काम करने लगीं, लेकिन 2004 में उनकी नौकरी खत्म हो गई। इसके बाद उन्होंने पहली बार इस संबंध की बात दुनिया के सामने रखी। उस वक्त डेविड ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा था, “पिछले कुछ महीनों में मेरी निजी जिंदगी के बारे में कई बेतुकी कहानियां सामने आई हैं। यह सुबह जो खबर आई, वह भी उसी का एक उदाहरण है।” उनकी बातों में गुस्सा और सफाई दोनों थी।
वहीं, विक्टोरिया ने हाल ही में एक डॉक्यूमेंट्री सीरीज में अपने वैवाहिक जीवन के उस मुश्किल दौर का जिक्र किया। उन्होंने कहा, “उस वक्त हमें लगा कि पूरी दुनिया हमारे खिलाफ है।” उनकी आवाज में दुख और मजबूरी साफ झलक रही थी, हालांकि उन्होंने रेबेका या किसी और का नाम नहीं लिया। डेविड और विक्टोरिया, जो 1999 से शादीशुदा हैं और तीन बच्चों के माता-पिता हैं, ने उस दौर को अपनी जिंदगी का सबसे अंधेरा समय बताया।
आज रेबेका एक डॉक्टर से शादीशुदा हैं और दो बच्चों की मां हैं। लेकिन उनका कहना है कि वह उस सच को छिपाकर नहीं जी सकती थीं। “मैंने बेकहम जैसे प्रभावशाली लोगों के खिलाफ आवाज उठाई, क्योंकि मेरे लिए सच बोलना जरूरी था,”