CBI ने जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक सहित 6 लोगों के खिलाफ, भ्रष्टाचार मामलेे में चार्जशीट दाखिल की

Sachin Sah
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CBI has filed a chargesheet against 6 people, including former Jammu and Kashmir Governor Satya Pal Malik

सीबीआई ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक और पांच अन्य लोगों के खिलाफ किरू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट में कथित भ्रष्टाचार के मामले में चार्जशीट दाखिल की है। यह प्रोजेक्ट, जो चेनाब नदी पर किश्तवाड़ में 624 मेगावाट की बिजली उत्पादन क्षमता वाला है, 2200 करोड़ रुपये के सिविल वर्क ठेके से जुड़ा हुआ है। इस मामले ने देश में भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग को लेकर एक बार फिर चर्चा छेड़ दी है।

सत्यपाल मलिक का दावा 300 करोड़ की रिश्वत देने की पेशकश की गई थी।

सत्यपाल मलिक, जो 23 अगस्त 2018 से 30 अक्टूबर 2019 तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे, ने 17 अक्टूबर 2021 को एक सनसनीखेज खुलासा किया था। उन्होंने दावा किया था कि उनके कार्यकाल के दौरान उन्हें दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया। मलिक ने कहा था कि यह रिश्वत किरू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट और एक अन्य फाइल से संबंधित थी, जिसमें कथित तौर पर “अंबानी” और “आरएसएस से जुड़े व्यक्ति” का नाम शामिल था। इस बयान के बाद मलिक ने खुद को भ्रष्टाचार के खिलाफ एक व्हिसिलब्लोअर के रूप में पेश किया था।

हालांकि, सीबीआई ने इस मामले की जांच शुरू की और अप्रैल 2023 में दो एफआईआर दर्ज की थीं। एक एफआईआर किरू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट में ठेके देने में अनियमितताओं से संबंधित थी, जबकि दूसरी सरकारी कर्मचारियों के लिए समूह चिकित्सा बीमा योजना में भ्रष्टाचार के आरोपों से जुड़ी थी। सीबीआई ने 2024 में दिल्ली और जम्मू में आठ स्थानों पर तलाशी अभियान भी चलाया था, जिसमें मलिक के निवास स्थान और उनके रिश्तेदारों व सहयोगियों के ठिकानों को निशाना बनाया गया।

सीबीआई ने सत्यपाल मलिक सहित 6 लोग खिलाफ चार्जशीट दाखिल की

22 मई 2025 को सीबीआई ने सत्यपाल मलिक सहित छह लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। जांच एजेंसी का कहना है कि किरू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट के ठेके में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हुईं, जिसमें ठेका देने की प्रक्रिया में भ्रष्टाचार और नियमों की अनदेखी का आरोप है। इस प्रोजेक्ट को चेनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स (सीवीपीपीपीएल) द्वारा विकसित किया जा रहा है, जो नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन (एनएचपीसी) और जम्मू-कश्मीर स्टेट पावर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (जेकेएसपीडीसी) का संयुक्त उद्यम है। एनएचपीसी की इसमें 51% हिस्सेदारी है, जबकि जेकेएसपीडीसी की 49% हिस्सेदारी है।

जेकेएसपीडीसी के प्रबंध निदेशक पंकज मागोत्रा ने बताया कि प्रोजेक्ट का काम निर्धारित समय पर चल रहा है। ठेका पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड को दिया गया है और इसकी संशोधित लागत अब 5300 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है। क्षेत्र में बुनियादी ढांचे में सुधार, जैसे किश्तवाड़ के पास सड़कों का कालीननुमा निर्माण, इस परियोजना की रणनीतिक महत्वता को दर्शाता है।

मलिक ने करवाई को उनके खिलाफ राजनीतिक बदले की भावना बताया

सत्यपाल मलिक ने इस कार्रवाई को “अनुचित” करार दिया है। दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती मलिक, जो पैर में संक्रमण के इलाज के लिए भर्ती हैं, ने कहा कि वे इस मामले में व्हिसिलब्लोअर हैं और उन्होंने ही भ्रष्टाचार को उजागर किया था। मलिक ने दावा किया कि सीबीआई की कार्रवाई उनके खिलाफ राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है। उन्होंने कहा, “मैं चार राज्यों में राज्यपाल रहा हूं, क्या मैं भ्रष्टाचार में लिप्त होऊंगा? अगर मैं भ्रष्ट होता, तो क्या केंद्र सरकार मुझे दो और राजभवनों में नियुक्त करती?”

मलिक ने यह भी कहा कि उन्होंने अपनी आगामी किताब “द ट्रुथ अबाउट कश्मीर” के पांडुलिपि को पहले ही सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया था, क्योंकि उन्हें ऐसी कार्रवाइयों की आशंका थी।

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